आचार्य श्रीराम शर्मा >> बिना मोल आफत दुर्व्यसन बिना मोल आफत दुर्व्यसनश्रीराम शर्मा आचार्य
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दुर्व्यसनों की समस्या
Bina Mol Aafat : Durvyashan - a Hindi book by Sriram Sharma Acharya
दुर्व्यसन कुछ थोड़े से व्यक्तियों के जीवन को ही नष्ट नहीं करते, वरन् बड़े-बड़े देश, राष्ट्र जन-समुदाय इनके कारण सर्वनाश के गड्ढे में गिर जाते हैं।
तम्बाकू, चाय, गाँजा, चरस, भाँग, अफीम, शराब आदि नशीली चीजें एक से एक बढ़कर हानिकारक हैं। ये दुर्व्यसन मित्र के रूप में हमारे शरीर में घुसते हैं और शत्रु बनकर उसे मार डालते हैं।
ऐसी आदतें हैं जो शरीर और मन को हानि पहुँचाती हैं, पर आकर्षण और आदत के कारण मनुष्य उनका गुलाम बन जाता है। सिनेमा, नाच-रंग, व्यभिचार जुआ जैसे अप्रतिष्ठाजनक आदतों में लोग फँस जाते हैं और अपना धन, समय तथा स्वास्थ्य बर्बाद कर डालते हैं।
बिना मोल आफत : दुर्व्यसन
अनुक्रम
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